जीवन मे कभी कभी अप्रत्याशित घट जाता है या यू कहें,जीवन अप्रत्याशित पल के मनके की माला है
ऎसा ही एक पल मेरे जीवन में भी आया ,जब मुझे आप सभी महानुभावों के सहयोग शुभकामनाओं व दिशानिद्रेशों को पाने का सुअवसर मिला.
चूंकि मेरा इस आधुनिक तकनीक से परिचय बहुत ही अल्प है अतः आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि मुझे कुछ समय दें ताकि मै भी आप सभी के विचारों को पढ़ पाऊ और प्रेरित हो सकूं
मन के - मनके
ऎसा ही एक पल मेरे जीवन में भी आया ,जब मुझे आप सभी महानुभावों के सहयोग शुभकामनाओं व दिशानिद्रेशों को पाने का सुअवसर मिला.
चूंकि मेरा इस आधुनिक तकनीक से परिचय बहुत ही अल्प है अतः आप सभी से विनम्र अनुरोध है कि मुझे कुछ समय दें ताकि मै भी आप सभी के विचारों को पढ़ पाऊ और प्रेरित हो सकूं
मन के - मनके
आपका साहित्य तकनीक पर विजय अवश्य प्राप्त करेगा।
ReplyDeleteउनको रंग लगाएँ, जो भी खुश होकर लगवाएँ,
ReplyDeleteबूढ़ों और असहायों को हम, बिल्कुल नहीं सताएँ,
करें मर्यादित हँसी-ठिठोली।
आओ हम खेलें हिल-मिल होली।।
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होलिकोत्सव की सुभकामनाएँ!
आपको वक्त दिया :)
ReplyDeleteबुरा ना मानो होली है
पाठकों पर अत्याचार ना करें ब्लोगर
होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteनये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.
उन्नति के मार्ग में बाधक महारोग - क्या कहेंगे लोग ?
तकनीकी से मनुष्य आगे है पीछे नही ... आशा है जल्दी ही आप कामयाब होंगी ...
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं संजय भास्कर हार्दिक स्वागत करता हूँ.
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