चाह्त
एक फूल चछोटा सा अनजाना सा , अनदेखा साशूल भरे पथ पर दुबका सा
हर
मनसहमा सा घ्बराया सा पल धध्कन तेज हुई मै सन्शय घिर आईकभी नज़्रर उठ गई
कभी
करनेउस पार छितिज़ के दो पंखुरी लगी नमनहर आहट पेरो कीकर देती थी़ विचलित
क्याहे! ईश , मेरे पढ्ती हें हाथों की रेखायेंक्या खुशबू बिखराये बिना
या
गुज़रहै अन्त लिखा मेरा कोई मीत इधर से जायेऔर भेंट दिया जांऊ
या
मुझ्कोप्रेमी ------को कोई चुन ले -------भी
या
उनचद जाऊं--------मंदिर की वेदी पर बिछ जांऊ राहों परजिन राहों से गुजरे
तब
रचअर्थी कोई अपने की बीज़ मेरा हो साथक जायेगी , परिभाशा फूलों कीमुऱ्झाने से पहलेहो पाऊ ईश- किर्तग्यउमा ( मन के मनके )
एक फूल चछोटा सा अनजाना सा , अनदेखा साशूल भरे पथ पर दुबका सा
हर
मनसहमा सा घ्बराया सा पल धध्कन तेज हुई मै सन्शय घिर आईकभी नज़्रर उठ गई
कभी
करनेउस पार छितिज़ के दो पंखुरी लगी नमनहर आहट पेरो कीकर देती थी़ विचलित
क्याहे! ईश , मेरे पढ्ती हें हाथों की रेखायेंक्या खुशबू बिखराये बिना
या
गुज़रहै अन्त लिखा मेरा कोई मीत इधर से जायेऔर भेंट दिया जांऊ
या
मुझ्कोप्रेमी ------को कोई चुन ले -------भी
या
उनचद जाऊं--------मंदिर की वेदी पर बिछ जांऊ राहों परजिन राहों से गुजरे
तब
रचअर्थी कोई अपने की बीज़ मेरा हो साथक जायेगी , परिभाशा फूलों कीमुऱ्झाने से पहलेहो पाऊ ईश- किर्तग्यउमा ( मन के मनके )
फॉण्ट साईज ठीक करना होगा और साथ ही वर्तनी एवं लाईन ब्रेक पर ..(पोस्ट करने के पहले यदि पूर्वालोकन (प्रीव्यू) दबायें तो दिखाता है कि कैसे छपेगी...)
ReplyDeleteशायद बेहतर प्रस्तुति को यह सुझाव मददगार साबित हो...
सीधे टंकण की बजाय पहले वर्ड पैड में टंकित कर कॉपी पेस्ट करें तो बेहतर.
हिन्दी में टाइप करने का सुन्दर प्रयास।
ReplyDeleteअच्छे प्रयास के साथ सुधार के अनेकों गुंजाईश
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