कत्ल कर दो फूलों का,गुनाह करे कोई
दो आंसू
भी बेशकीमती हैं,बचाया जाय,खुशियों के लिये
क्योंकि,गमों
के कांटों में,बामुश्किल खिलते हैं,फूल खुशियों के
यकीन पहुंचा दिया, उन हवाओं ने,जो---
बह
आईं,सात समुंदर पार से------कि
खुशबू
पहुंच गई है, इन फूलों की,जो----
दरकते दिल
पर,यूं ही खिल आये थे---- मेरे
मन
के-मनके