Sunday 13 September 2020

 


अभी मेरे जाने का ज़िक्र ना कर

ऐ मेरे दोस्त

परवाजो की टोली

अभी अभी गुजरी है यहाँ से मनुहार ....

कुछ बाते होनी है वाकी

 

गीत गाए जेगए

कुछ नये कुछ पुराने भी

कुछ एक गजल के मुखड़े भी

गुन गुनाए जाएगे

अभी मेरे जाने का ज़िक्र ना कर

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