ऐ मेरे दोस्त
परवाजो की टोली
अभी अभी गुजरी है यहाँ से मनुहार ....
कुछ बाते होनी है वाकी
गीत गाए जेगए
कुछ नये कुछ पुराने भी
कुछ एक गजल के मुखड़े भी
गुन गुनाए जाएगे
अभी मेरे जाने का ज़िक्र ना कर
सुन्दर
बहुत सुन्दर।हिन्दी दिवस की अशेष शुभकामनाएँ।
सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteहिन्दी दिवस की अशेष शुभकामनाएँ।