प्रेम एक
सेतु है---उससे होकर गुजर जाओ
(ओशो---प्रेम है
अहंकार की मृत्यु,साभार—सहज जीवन)
महान सम्राट अकबर
ने भारत की एक छोटी सी पर बहुत सुंदर राजधानी बनवाई.उसका कभी भी उपयोग नहीं किया
गया क्योंकि उसके पूरे होने से पूर्व ही अकबर मर गया. वह अभी तक योजनानुसार बनाए
गये नगरों में से एक बहुत सुंदर नगर है---और वह कभी भी उपयोग में नहीं लाया गया.
उस जगह का नाम फतहपुर सीकरी है
उसमें हर छोटी से
छोटी चीज का विस्तृत रूप से ख्याल रखा गया. उन दिनों के महान वास्तुकारों और महान
सद्गुरुओं से विचारविमर्श करते हुए उनके परामर्श लिये गये.
अकबर ने उन दिनों
के सभी महान शिक्षकों से एक छोटा सा वाक्य देने को कहा,जिसे प्रवेश-द्वार पर लिखा
जा सके.
फतेहपुर सीकरी जाने के लिये एक नदी पार करनी होती है,जिस पर
बना पुल वहां ले जाता था और अकबर ने उस पुल के अंत में एक बहुत सुंदर और विशाल
प्रवेश द्वार बनवाया था.किसी सूफ़ी ने जीसस की एक सू्क्ति को उस पर लिखने का सुझाव
दिया. वह उस सूक्ति से बहुत प्रेम करता था.उसे बहुत सी सूक्तियों के सुझाव दिये
गये थे,लेकिन उसे जीसस की सूक्ति ही बहुत प्यारी लगी और वही सूक्ति लिखी गई.वह
वाक्य बहुत सुंदर है-----यह बताता है---
“ जीवन एक सेतु
है—उससे होकर गुजरो,लेकिन उस पर अपना घर मत बनाओ.”
प्रेम भी एक सेतु
है—उससे होकर गुजर जाओ.
गहन विश्लेषण...
ReplyDeleteप्रेम के इस सेतु को पार कौन करना चाहता है ... अगर प्रेम है तो इस सागर में हर कोई डूबना चाहता है ...
ReplyDelete