Friday 12 August 2022


                         आदमी एक बीमारी है अपने आप में क्योंकि,                                             वह अधूरा  पैदा होता है-----

             

आदमी  पूरा  पैदा  नहीं  होता  है . आदमी  जन्म  का  अधूरा  है .

सब  जानवर  पूरे  पैदा  होते  हैं. आदमी  अधूरा पैदा  होता  है. वह जो  उसकी  पूरा  होने  की  स्थिति है इसलिए यह उसकी डिसीज है. वह  इज में  नहीं  है इसलिए वह  चौबीस घंटे  परेशान रहता है.

ऐसा  नहीं है,  आमतौर  से  हम  सोचते हैं  कि,  एक  गरीब  आदमी  परेशान  है,क्योंकि,

 गरीबी है.

लेकिन हमें  पता  नहीं है,कि आमीर  होते  ही से  परेशानी  का तल बदलता  है, परेशानी  नहीं  बदलती  है.

सच  तो यह  है कि, गरीब  इतना  परेशान  होता  ही नहीं  है जितना  अमीर  परेशान  होता  है.

क्योंकि, गरीब  के  पास  एक  जस्टीफिकेशन  है कि उसकी  परेशानी  का  कारण उसकी गरीबी  है,अमीर  के  पास ऐसा कोइ  जस्टीफिकेशन  नहीं इसलिए उसे  समझ  ही  नहीं  आता कि वह परेशान क्यों है.

और जब परेशानी  अकारण  होती  है  तो परेशानी  भयंकर  होती  है.

जैसे किसी  बीमारी  का  स्पष्ट कारण पता  चल  जाता है उसका  इलाज  भी  समझ में  आ  जाता है,और इलाज  किया  जा  सकता  है.

हालांकि,मैं पसंद  करूंगा  गरीब के दुःख  की  बजाय अमीर  का सुख  ही  चुनने योग्य है.

जब दुःख  ही  चुनना है तो अमीर का  दुःख  ही  चुनना  चाहिए,  लेकिन  बैचेनी  की  तीव्रता बढ़  जाएगी.

                                     ओशो के  विचार,सादर के साथ.





1 comment:

  1. ओशो के विचार ने सोचने पर मजबूर किया ।

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