प्रेम एक सेतु है---
महान सम्राट अकबर ने भारत की एक छोटी सी लेकिन बहुत ख़ूबसूरत राजधानी
बनवाई-फ़तेह पुर सीकरी . लेकिन इस शहर का उपयोग राजधानी के रूप में
कभी नहीं हो सका क्योंकि अकबर की मृत्यु इसके बनाने से पूर्व ही हो
गयी थी .
इस नगर के निर्माण में हर छोटी से छोटी बात का ध्यान रखा गया . उन दिनों के महान वास्तुकारों व महान सदगुरुओं से विचार्विमर्ष लिए गए .
सम्राट अकबर ने उन दिनों के महान शिक्षकों से एक छोटा सा वाक्य देने को कहा जिसे उस नगर के प्रवेश द्वार पर लिखा जा सके .
फ़तेहपुर सीकरी जाने के लिए एक नदी पार करनी होती थी जिस पर बना हुआ पुल वहां ले जाता था और अकबर ने उस पुल के अंत में एक सुन्दर विशाल पुल बनवाया था जिस के प्रवेश द्वार पर सूफी संतों ने उस सुन्दर वाक्य को लिखने का सुझाव दिया .
और वह सुन्दर वाक्य ,वह सुन्दर सूक्ति थी---
जीवन एक सेतु है ,उस पर घर मत बनाओ !
प्रेम भी एक सेतु है ---- उससे होकर गुजर जाओ !
यह ख़ूबसूरत कथा ओशो के प्रवचन से ली गयी है .
धन्यवाद ओशो .
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