मन के - मनके
Sunday, 18 March 2012
"निरंतर" की कलम से.....: तुम याद रखो ना रखो
"निरंतर" की कलम से.....: तुम याद रखो ना रखो
तुम याद रखो ना रखो,वो अलग बात है—
दिल का मामला है,खूबसूरत.
1 comment:
महेन्द्र वर्मा
24 March 2012 at 20:39
बात तो सौ फीसदी सच है।
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बात तो सौ फीसदी सच है।
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