मन के - मनके
Tuesday, 5 June 2018
आइये एक कहानी कहते हैं
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दो मित्र अपनी -अपनी दुनिया में खुश थे . दौनों के पास खेतिहारी की छोटी सी काश्तकारी थी,छोटा सा परिवार और इतनी खुशी कि,इससे अधिक चाहने की को...
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Sunday, 10 September 2017
आज की पीढ़ी के पास समय नहीं है --
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आज की पीढ़ी के पास समय नहीं है -- यादों को शेयर करे हमारे साथ जिन्हें हम संभालते आए हैं सालों साला,काले -सफ़ेद चित्रों में। मुझे आज भी याद...
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Friday, 8 September 2017
नमस्कार मित्रों,
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नमस्कार मित्रों, अर्सा गुजर गया-’मन के-मनके’ से रूबरू हुए. कारण कुछ नहीं था बस,कुछ कहना होता है,और, कह दिया,फ़र्क नहीं पडता कौन सुन र...
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Tuesday, 5 September 2017
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समस्या यह नहीं है ,हम क्या सोचते हैं - बात वहां बिगड़ती है ,जब हम अपनी सोच को दूसरों पर थोपते हैं और उम्मीद भी करते हैं ,वे हमारे जै...
Saturday, 26 August 2017
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कल जोरदार बारिश हो रही थी
Saturday, 24 June 2017
’जहां मैं हूं— वहां विरोधाभास है— मैं ही तो--- विरोधाभास हूं—’
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शुभप्रभात मित्रों, सुबह-सुबह ही लिख पाती हूं, कुछ कह पाती हूं- ...
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Monday, 17 April 2017
आज का अखबार और दो खबर-
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सुबह की बेला हो,सूरज आपकी बलकनी ने पहुंच गया हो,चिडियों की चहचहाट सुन पा रहे हों और चाय का मग आपकी उंगलियों में फंसा हो- और,अखबा...
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