मन के - मनके
Saturday, 27 February 2016
एक प्रश्न,?
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एक प्रश्न, काम-केन्द्रित-प्रेम व प्रेम-क्रेन्द्रित-काम को परिभाषित करें? ओशो कहते हैं-- प्रेम को काम से हट कर परिभाषित नहीं किया जा ...
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Sunday, 27 December 2015
ओशो—जीवन हर-पल एक उत्सव है.
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यह जिंदगी—वक्त की रेत पर खींची गयी लकीर है. यह जिंदगी—एक झोंका है हवा का,बुलबुला पानी का— इसके गुजरने से पहले—इसमें झलकता इंद्रधनु...
Saturday, 5 December 2015
आइये हमारे प्यारे राम
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आइये हमारे प्यारे राम आज ६ दिसंबर है---बर्सी उस म्रुत्य प्राहः मुद्दे की जो आज से २३ वर्ष पूर्वे पैदा किया गया था...
Tuesday, 24 November 2015
अपने घर भी रोटी है—बे-शक रूखी-सूखी है
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अपने घर भी रोटी है—बे-शक रूखी-सूखी है करीब तीन-चार माह के सुदूर देश आस्त्रेलिया के सिडनी शहर में प्रवास के बाद वापस लौटी हूं. बहुत...
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Wednesday, 11 November 2015
बदरंग हो रहे हैं हम-क्या हम जीवन को जीते हैं???
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बदरंग हो रहे हैं हम-क्या हम जीवन को जीते हैं??? बहुत ही बे-तुका प्रश्न हो सकता है—लेकिन थोडा ठहर कर देखिये उस आइने में जिसे हम जीवन क...
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Monday, 26 October 2015
कहां से शुरू करूं—तेरा नाम
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कहां से शुरू करूं तेरा नाम— मंदिरों की चौखटों को छू कर मस्जिद की ओर,मुंह मोड कर ...
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