मन के - मनके
Wednesday, 22 October 2014
कुछ नुक्ते कुछ दाने चीनी के---
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1.ये छोटी-छोटी बातें हैं जैसे धूप मुडेरों की अब आयी---अब जाती है ज...
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Monday, 20 October 2014
नुक्ता-चीनी—
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पता नहीं इस शब्द का वास्तिविक अर्थ क्या है—निःसंदेह बोलने में मधुर लगता है,जैसे रुन-झुन,झन-झन--- खैर---जाने दें इन छोटी-छोटी बातों ...
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Saturday, 11 October 2014
एक अहसास—मां होने का
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संसार की अनेक भाषाओं में,मां का संबोधन,करीब-करीब एक सा ही सुनाई देता है—मां,मातृ,मदर,अम्मा--- कितना नैसर्गिक सम्बोधन है,जब बच्चा ज...
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Wednesday, 1 October 2014
मेरी नन्हीं---परी
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दूर क्षितिज सी क्यॊं हो जाती हो दो तटों की दूरी है---मीलों सी फैलाऊं ब...
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