tag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post1130306864521962391..comments2023-10-20T07:33:49.428-07:00Comments on मन के - मनके: स्मृतियों के भोजपत्रों पर----मातृत्व के फूलमन के - मनकेhttp://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-84329024070149801742014-05-25T20:35:30.151-07:002014-05-25T20:35:30.151-07:00पुनः शब्दातीत.....पुनः शब्दातीत.....Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-25893876395034832242014-05-23T09:56:31.919-07:002014-05-23T09:56:31.919-07:00प्रिय अभिषेक,
आपने जो कहा,दिल की गहराइयों से कहा,आ...प्रिय अभिषेक,<br />आपने जो कहा,दिल की गहराइयों से कहा,आभार और प्यार भी.<br />कभी-कभी ऐसा भी होता है--चुप कराने वाला भी रोने लगता है.इस संदर्भ में प्रेमचन्द्र की एक कहानी याद आ रही है,ईदगाह---शायद आपने पढी भी हो.<br />दादी-पोते दौनों एक दूसरे को चुप कराते-कराते रोते चले जाते हैं.दुबारा पढियेगा.मेरी आज की पोस्ट पर भी आइये--ओशो का महासागर,डुबकी लगाइयेगा.शुभकामनाएं.मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-9153374029685869922014-05-23T08:12:03.953-07:002014-05-23T08:12:03.953-07:00कुछ सोच नहीँ पा रहा हूँ कि लिखूँ क्या? लग रहा है क...कुछ सोच नहीँ पा रहा हूँ कि लिखूँ क्या? लग रहा है कि महादेवी वर्मा जी के कालजयी रचनाओँ की समीक्षा एक शिशु मेँ पढ़ने वाले विद्यार्थी से करायी जाए, सजीव चित्रण। शायद ही कोई एसा हो जो पढ़ कर बिन रोये चला जाए।अभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-37771400750946581932014-05-22T09:41:46.616-07:002014-05-22T09:41:46.616-07:00नासवा जी,
सादर आभार,आपका मेरे ब्लोग पर नियमित उपस्...नासवा जी,<br />सादर आभार,आपका मेरे ब्लोग पर नियमित उपस्थित होना,मेरे लिये,एक प्रकाश-पुंज है---जो---आकाश में पु््च्छल तारे की नाईं किस ओर से आता है---किस ओर ओझल हो जाता है---एक किरण बिखेरता हुआ.मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-73702644680958878562014-05-22T09:35:06.811-07:002014-05-22T09:35:06.811-07:00सादर धन्यवाद,आपका प्रोत्साहन,मुझे सदैव सकारत्मक बन...सादर धन्यवाद,आपका प्रोत्साहन,मुझे सदैव सकारत्मक बनाता है.<br />मन के - मनकेhttps://www.blogger.com/profile/16069507939984536132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-43240207812842863772014-05-20T03:40:24.825-07:002014-05-20T03:40:24.825-07:00उम्दा और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत ब...उम्दा और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...<br />नयी पोस्ट<a href="http://pbchaturvedi.blogspot.in/" rel="nofollow">@आप की जब थी जरुरत आपने धोखा दिया (नई ऑडियो रिकार्डिंग)</a><br />प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-53585435737493840602014-05-19T01:04:08.538-07:002014-05-19T01:04:08.538-07:00समय के साथ साथ यादें किसी चीज़ से जुड जाती हैं ... ...समय के साथ साथ यादें किसी चीज़ से जुड जाती हैं ... और मानस पटल पर रहती हैं हमेशा ... फिर एक माँ की स्मृतियाँ तो कभी पुरानी होती ही नहीं ... माँ का रिश्ता जिस भी रूप में देखा जाए ... एहसास वाही रहता है प्रेम का ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8879471630993719132.post-73452351638018754172014-05-18T07:29:39.408-07:002014-05-18T07:29:39.408-07:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
आपकी इस' प्रविष्टि्...बहुत सुन्दर प्रस्तुति।<br />--<br /> आपकी इस' प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (19-05-2014) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "मिलेगा सम्मान देख लेना" (चर्चा मंच-1617) </a> पर भी होगी!<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंकडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com